Disclaimer:
मेरी किसी से कोई लड़ाई नही है। ये लड़ाई हम सबकी है। जिसके खिलाफ हमको लड़ना है। और आतंकवाद को खत्म करना है , और ऐसे तत्वों का नाम मिटा देना है जिन्होंने देश को बर्बाद किया।
एक संदेश
दिल्ली शहर इसकी हवा मैं ही कुछ और बात है, आपकी जानकारी के लिए बता दूं दिल्ली एकमात्र शहर है जिसे सारे राजा महाराजा जैसे slave dynasty ,Khilji dynasty, Tughlaq dynasty ,Syed dynasty ,Lodhi Dynasty and ,Mughal dynasty।
दिल्ली आज से नहीं कई सालों से प्रशासन का महत्वपूर्ण एवं प्रिय जगह मानी गई है क्योंकि यहां से आप हर दिशा में आराम से अपने आप को स्थापित कर सकते हैं।
दिल्ली दिल वालों की ही नहीं कही जाती वह सबका स्वागत खुले दिल से करती है पहले राजा महाराजाओं का किया आप अलग-अलग शहरों से आए हुए लोगों को अपने दिल में बसाया।
19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने सेवन शहर को बसाया न्यू दिल्ली बस रहा था 1911 में जब राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली कर दिया गया था तब बंगाली ऑफिसर जो एडमिनिस्ट्रेटिव हुआ करते थे उनका पलायन शुरू हुआ कोलकाता से है पलायन करके गोल मार्केट एरिया के आस पास आकर बस गए।
जब पार्टीशन हुआ था पाकिस्तान से आए हुए रिफ्यूजी जैसे संधि पंजाबी दिल्ली ने उनका खुल के स्वागत किया दिल में बसाया और पटेल नगर अपना घर बनाया जहां पाकिस्तान से आए हुए पंजाबी सिंधी ने पटेल नगर को पंजाबी सिटी का नाम दिलाया।
1990 में कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम किया गया तो वहां से आए हुए रिफ्यूजी वसंत कुंज में आकर बसे ।
वही तिब्बतियों का जब चीन में उन्हें अपने ही देश में आतंकवादी घोषित कर दिया था दिल्ली ने उनका खुल कर स्वागत किया और मजनू का टीला वहां अपनी जगह बनाई वहीं हर्षा दिल्ली में यूपी-बिहार राजस्थान छत्तीसगढ़ उड़ीसा के मजदूर काम की तलाश में आते हैं और अपनी के लिए रोटी कमा के ले जाते हैं।
दिल्ली दंगा कोई और नहीं आम नहीं।
दिल्ली दंगे कोई आम दंगे नहीं थे। भारत के इतिहास में दंगों का नाम आता रहा है भले ही वह आजादी से पहले हो या बाद में जहां एक समूह दूसरे समूह पर जाति धर्म के नाम पर लड़ाई शुरू करता है फिर दूसरा पक्ष भी इस लड़ाई में उतर जाता है लड़ाई शुरू इसलिए नहीं होती कि उनकी जाति खतरे में है या उनका धर्म खतरे में यह सिर्फ बस एक खास समूह या खास सोच रखने वाले लोगों द्वारा स्वचालित होता है जो देश की तरक्की पर बाधा डालते हैं और उन्हें आगे बढ़ने से रोकते हैं जो काफी दुखदायक और निर्दई है हमको इस बारे में कुछ ना कुछ कानून लाना पड़ेगा वरना देश को 23-24-25 फरवरी वाले दंगे दोबारा देखने को मिल सकते हैं।
और दंगे के सारे सबूत एक ही खास धर्म की ओर इशारा करते हैं क्योंकि सीबीआई की जांच में यह पता चला है कि (PFI) पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और लेफ्ट विंग का इसमें महत्वपूर्ण छोड़ रहा है।
कट्टर इस्लामी सोच रखने वाले जो भारत को शरिया कानून लागू करवाने के लिए तैयार कर रहे हैं उनका भी महत्वपूर्ण योगदान है इस दंगों में।
To be continue................
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